मुना चौधरी
कनहिक बताह
कनहिक सन्काह
कनहिक मनमौजी
कनहि बदमास
बहैछै कतौ सोझहेसोझ
घुमैछै कतौ एकेठाम
घुइमतेके घुइमते करैछै ।
उराइछै बौल
उराइछै माइट
उराइछै लार, पुवार या पातपितङ्गर
गरदा, खसौत, भुसाके साथ ल्याके
बहैछै दुर तक
उरैछै गाममे
खेतपथाइर या चौरीचाचरमे ।
बहैछै सनसन
गाछबिरिछ के मचारैछै
कमजोर घरके खस्या दैछै
कन्हिक छै पागल
कन्हिक छै मनमौजी
कन्हिक छै पिताह ।
यी चियै हवा
सिधा बहैछै तेकरा कहैछै हवा
जोरसे बहैछै तेकरा कहैछै झाट
बरी जोरसे बहैछै तेकरा कहैछै बिहाइर
एके ठाममे जोरसे घुइम घुइमके बहैछै
तेकरा कहैछै बिरो ।
यी चारूभर घुमैछै
आपने सङे माइट, पाइन, खसौत, भुसाके नचाइछै
आपनो नाचैछै दोसरोके नचाइछै
कनहिक दिवाना
कनहिक मस्ताना
कनहिक छै पागल
कनहिक छै एकोहोरो
बेसी छै क्रोधित ।
[नेपाली अनुवाद]
बिरो
अलिकति पागल
अलिकति सन्की
अलिकति मनमर्जी
अलिकति बदमास
चल्छ कतै सिधा
कतै एकोहोरो
घुमेको घुमै गर्छ ।
उडाउँछ बालुवा
उडाउँछ माटो
उडाउँछ लार, पराल, पातपतिङ्गर
धुँलो, मैलो, घाँस, भुसलाई साथमा लिएर
चलिरहन्छ दुरसम्म
उड्छ गाउँमा
खेत र चौरमा ।
बहन्छ सनसन
ढाल्छ रूखहरू
खसाल्छ कमजोर घरहरू
अलिकति पागल
अलिकति मनमर्जी
धेरै रिसाहा ।
यो हो हावा
सिधा चल्नेलाई भनिन्छ हावा
अलि बेसी चल्नेलाई भनिन्छ हुरी
बेस्सरी चल्नेलाई भनिन्छ बतास
एकै ठाउँमा बेस्सरी घुम्दै चल्नेलाईभनिन्छ हुरी बतास (बिरो) ।
चारैतिर घुम्दै चल्छ
आफूसँगै माटो, पानी, धुलो, मैलोलाई समेत नचाउँछ
अलिकति दिवाना
अलिकति मस्ताना
बढी पागल
एकोहोरो र
धेरै क्रोधले भरिपूर्ण छ ।
अनुवाद कवियत्री स्वयम्
हालः पोर्चुगल
प्रकाशित:
८८ दिन अगाडि
|
२ असार २०८२
८ दिन अगाडि
|
१९ भदौ २०८२
६५ दिन अगाडि
|
२५ असार २०८२
६६ दिन अगाडि
|
२४ असार २०८२
६७ दिन अगाडि
|
२३ असार २०८२
७४ दिन अगाडि
|
१६ असार २०८२
७५ दिन अगाडि
|
१५ असार २०८२
८२ दिन अगाडि
|
८ असार २०८२
१०६७ दिन अगाडि
|
२५ असोज २०७९
११०१ दिन अगाडि
|
२१ भदौ २०७९
११११ दिन अगाडि
|
१२ भदौ २०७९
१०६६ दिन अगाडि
|
२६ असोज २०७९
१०१६ दिन अगाडि
|
१५ मंसिर २०७९
१०७२ दिन अगाडि
|
२० असोज २०७९
१००४ दिन अगाडि
|
२७ मंसिर २०७९