जित ट्रासन
रैती बने नेंगल मनैया
एकफेरा मोर गाउँ छिरे ।
ओ, कम्टिमे
एक बरस कमैया बन्के
बुक्रामे बैठ्ना हिम्मत करे ।
मै ओकर किसन्वा बन्ना
खुद तयार बटुँ ।
.....
रैती बने नेंगल मनैया
एकफेरा संसदमे चिल्लाइक छोरे
ओ, कम्टिमे
मोर घारिक गोबर काह्रे
मै ओकर मलिक्वा बन्ना
खुद तयार बटुँ ।
.....
रैती बने नेंगल मनैया
एकफेरा किसानन्के खेट्वम पैंठे
ओ, कम्टिमे
बरस डिन हर जोटके
सौकिक् कारन डेना बट्ठा बुझे
मै उहि विगहा डेना
खुद तयार बटुँ ।
धनगढी, कैलाली
प्रकाशित:
८९ दिन अगाडि
|
१ असार २०८२
८ दिन अगाडि
|
१९ भदौ २०८२
६५ दिन अगाडि
|
२५ असार २०८२
६६ दिन अगाडि
|
२४ असार २०८२
६७ दिन अगाडि
|
२३ असार २०८२
७४ दिन अगाडि
|
१६ असार २०८२
७५ दिन अगाडि
|
१५ असार २०८२
८२ दिन अगाडि
|
८ असार २०८२
१०६७ दिन अगाडि
|
२५ असोज २०७९
११०१ दिन अगाडि
|
२१ भदौ २०७९
११११ दिन अगाडि
|
१२ भदौ २०७९
१०६६ दिन अगाडि
|
२६ असोज २०७९
१०१६ दिन अगाडि
|
१५ मंसिर २०७९
१०७२ दिन अगाडि
|
२० असोज २०७९
१००४ दिन अगाडि
|
२७ मंसिर २०७९